जानिए : किस बीमारी में कौनसे विशेषज्ञ से परामर्श लें।

जानिए : किस बीमारी में कौनसे विशेषज्ञ से परामर्श लें।
क‍िसी भी बीमारी का उपचार केवल स्‍पेशल‍िस्‍ट के पास ही होता है। यदि आप गंभीर रोग होने पर जनरल फ‍िज‍ियन के पास जाएंगे तो वो आपकी मदद नहीं कर पाएंगे। वहीं सामान्‍य श‍िकायत के ल‍िए भी स्‍पेशल‍िस्‍ट के पास नहीं जाना होता है। ऐसे में यदि आपको स्‍पेशल‍िस्‍ट और बीमारी के बारे में पता होगा तो आप सटीक उपचार और सही च‍िक‍ित्‍सा सलाह ले पाएंगे। यहां लगभग सभी बीमारियों और उनके विशेषज्ञों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है -

एलर्जिस्ट/इम्यूनोलॉजिस्ट (Allergist) :
यदि आपको को रैशेज, चकत्ते जैसी एलर्जी या किसी गंभीर प्रकार की एलर्जी है, तो उसके उपचार के लिए आपको एलर्जिस्ट के पास जाना चाहिए। एलर्जिस्ट विभिन्न प्रकार की एलर्जी और अस्थमा रोग एलर्जी संबंधित रोगों का उपचार करते हैं। एलर्जी होने पर अधिकतर लोग जनरल फीजिश्यन के पास जाते हैं, लेकिन कई एलर्जी इतनी गंभीर होती है कि उसका उपचार एलर्जिस्ट के पास ही उचित प्रकार से होता है। एलर्जी धुल, जानवर, पानी या अन्य किसी भी चीज से हो सकती है। फूड एलर्जी, मेडिसिन एलर्जी या एनिमल एलर्जी भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में फीजिशियन नही बल्कि एलर्जिस्ट के पास जाना चाहिए। एलर्जिस्ट को इम्यूनोलॉजिस्ट भी कहा जाता है।

कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist) :
कार्डियोलॉजिस्ट, हृदय के पूरे सिस्टम से संबंधित रोगों का इलाज करते हैं, जिसमें हृदय से संबंधित सभी रोगों और रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्याएं शामिल हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ के पास आप इन परेशानियों में जा सकते हैं :
उच्च रक्तचाप (हाय ब्लड प्रेशर) की समस्या होने पर
उच्च कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)
दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी समस्या (हार्ट अटेक)
कोंजेस्टिव हार्ट (Congestive heart failure)
हार्ट अटैक पड़ने पर (Heart Attack)
अनियमित (धड़कन) हार्ट बीट।
अचानक घबराहट होने पर।

डर्माटोलॉजिस्ट (Dermatologist) :
त्वचा से संबंधित सभी रोगों का उपचार।

एण्डोक्राइनॉलॉजिस्ट (Endocrinologist) :
शरीर के हार्मोन, हार्मोन ग्रंथियों और संबंधित ऊतकों में समस्याओं से संबंधित बीमारीयों का निदान और उपचार के लिए एण्डोक्राइनॉलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। उनके पास हार्मोन के कारण होने वाले रोगों का विशेष प्रशिक्षण होता है।

गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट (Gastroenterologist) :
एक गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट पेट रोगों का विशेषज्ञ होता है। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट आपके पाचन तंत्र के सभी अंगों का इलाज करते हैं, जिसमें आपका जीआई पथ (ग्रासनली, पेट और आंत) और पित्त संबंधी अंग (आपका यकृत, पित्त नलिकाएं, अग्न्याशय और पित्ताशय शामिल हैं।) यदि आपको पाचन स्वास्थ्य विकार के कोई लक्षण हैं या यदि आपको कोलन कैंसर स्क्रीनिंग की आवश्यकता है, तो आपको एक गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए। 

जिरियाट्रिक फीजिशियन (Geriatric Physician) :
जिस प्रकार बच्चों के डॉक्टर अलग होते हैं उसी प्रकार वृद्ध व्यक्तियों के लिए भी अलग डॉक्टर होते हैं। जिन्हें हिन्दी में जराचिकित्सक भी कहा जाता है, अधिक आयु की बीमारियों का उपचार करते हैं। जिरियाट्रिक फीजिशियन अधिक उम्र वाले वयस्कों की देखभाल करने में विशेषज्ञ होते हैं, वृद्धावस्था की जटिल चिकित्सा समस्याएं हों तो जिरियाट्रिक फीजिशियन के पास जाना चाहिए। वे विशेष रूप से आपको कार्यात्मक बनाए रखने और आपके जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करने पर ध्यान देते हैं। ये चिकित्सक वृद्धों की विशेष देखभाल करने वालों की भूमिका निभाते हैं और परिवार के सदस्य की भांति काम करते हैं।

ऑब्स्टेट्रिशियन एवं गायनिकोलॉजिस्ट (Obstetrician & Gynaecologist)/OBG & GYNAE :
गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं की शारीरिक समस्याओं और महिला प्रजनन अंगों के रोगों के निदान और उपचार के लिए ऑब्स्टेट्रिशियन एवं गायनिकोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। यह महिलाओं की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे रजोनिवृत्ति, हार्मोन की समस्याओं, गर्भनिरोधक (जन्म नियंत्रण), और बांझपन में भी उपचार करती हैं।
ऑब्स्टेट्रिशियन एवं गायनिकोलॉजिस्ट में अन्तर होता है, परंतु सभी डॉक्टर्स ये दोनों विशेषज्ञता रखती हैं।
गायनिकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) : मुख्य रूप से गर्भावस्था के दौरान की बीमारियों या समस्याओं के उपचार एवं देखभाल में विशेषज्ञ होते है।
ऑब्स्टेट्रिशियन (प्रसूति रोग विशेषज्ञ) : जबकि एक प्रसूति रोग विशेषज्ञ गर्भावस्था के दौरान और बाद में महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल करता है। बच्चे और मां दोनो के स्वास्थ्य से संबंधित  समस्याओं का उपचार करते हैं। 

हेमेटोलॉजिस्ट (Hematologist) :
हेमेटोलॉजिस्ट या हेमेटोपैथोलॉजिस्ट हमारे रक्त से संबंधित बीमारियों का उपचार करते हैं। यदि एनीमिया, ब्लड इंफेक्शन, हीमोफिलिया, ब्लड क्लोटिंग (रक्त के थक्के जमना) और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियां हो तो हेमेटोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। 

मेक्सिलोफेशियल सर्जन (Maxillofacial Surgeon) :
यदि मुंह, जबड़े, दांत चेहरे और खोपड़ी, सिर और गर्दन के आस पास कोई गंभीर चोट आई हो या आकस्मिक आघात लगा हो और सर्जरी की आवश्यकता हो तो मेक्सिलोफेशियल सर्जन के पास जाऐं। वैसे मेक्सिलोफेशियल सर्जन को दांतों से संबंधित सभी प्रकार के उपचार और सर्जरी का ज्ञान होता है।

निओनेटोलॉजिस्ट (Neonatologist) :
निओनेटोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिशियन दोनो ही बच्चों के डॉक्टर होते हैं परंतु दोनो में अंतर होता है। यद्यपि कोई भी पीडियाट्रिशियन नवजात शिशुओं की अधिकांश स्वास्थ्य समस्याओं को हल कर सकते है, लेकिन एक नियोनेटोलॉजिस्ट को विशेष रूप से सबसे जटिल और उच्च जोखिम वाली स्थितियों को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यदि बच्चा प्रीमेच्योर है या उसे कोई गंभीर बीमारी, चोट, या जन्म दोष है, तो एक नियोनेटोलॉजिस्ट प्रसव के समय और बाद में आपके नवजात शिशु की देखभाल में सहायता कर सकता है। यदि बच्चे के जन्म से पहले किसी समस्या की पहचान कर ली जाती है, तो गर्भावस्था के दौरान आपके बच्चे की देखभाल में आपके प्रसूति रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के लिए एक नियोनेटोलॉजिस्ट सहायता कर सकता है।

पीडियाट्रिशियन (Pediatrician) :
शिशू एवं बाल रोग विशेषज्ञ न केवल उन बच्चों के लिए चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है जो गंभीर रूप से बीमार हैं बल्कि स्वस्थ बच्चों के लिए निवारक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं। एक बाल रोग विशेषज्ञ बीमारी और स्वास्थ्य दोनों में विकास के हर चरण में जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का प्रबंधन करता है।

नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist) :
नेफ्रोलॉजिस्ट को हिंदी में किडनी रोग विशेषज्ञ कहा जाता है। 
किडनी में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो नेफ्रोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। नेफ्रोलॉजिस्ट एक तरह का विशेषज्ञ होता जो मुख्य रुप से किडनी से संबंधित स्थितियों (किडनी के काम से लेकर इलाज तक) की गहन जानकारी रखता है। यदि एक फीजिशियन डॉक्टर को लगता है कि मरीज को किडनी से संबंधित परेशानी है तो वह उसे नेफ्रोलॉजिस्ट को दिखाने की सलाह देता है। 
कुछ लोग किडनी की समस्या होने पर यूरोलॉजिस्ट के पास जाते हैं जबकि इन दोनों में अंतर होता है। किडनी की बीमारियों के विशेषज्ञ को नेफ्रोलॉजिस्ट कहा जाता है, महिलाओं और पुरुषों की मूत्र-प्रणाली (मूत्र-वाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग) की बीमारियों के विशेषज्ञ को यूरोलॉजिस्ट कहा जाता है। नेफ्रोलॉजिस्ट एक मेडिकल विशेषज्ञ होता है, और यूरोलॉजिस्ट सर्जिकल विशेषज्ञ होता है। साथ ही यूरोलॉजिस्ट पुरुषों के प्रजनन अंगों से संबंधित विकारों का भी उपचार कर सकता है। 

न्‍यूरोलॉज‍िस्‍ट (Neurologist) :
कई लोगों को लगता है न्‍यूरोलॉज‍िस्‍ट और मनोरोग च‍िक‍ि‍त्‍सक एक है जबक‍ि ऐसा नहीं है। जब समस्‍या आपकी नस, रीढ़ की हड्डी, द‍िमाग से जुड़ी होती है तब आपको साइकोलॉज‍िस्‍ट नहीं बल्‍क‍ि न्‍यूरोलॉज‍िस्‍ट के पास जाना चाहिए। अगर आपको द‍िमाग में चोट लगी है, माइग्रेन है, मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोस‍िस है, अल्‍जाइमर रोग है तो न्‍यूरोलॉज‍िस्‍ट ही आपकी मदद कर पायेंगे।

साइकोलॉज‍िस्‍ट/साइकाइट्रिस्ट (Psychiatrist) : 
अगर आपको ड‍िप्रेशन के लक्षण नजर आ रहे हैं या मन दुखी है या कोई ऐसी बात या घटना जो आपके मन पर बुरा प्रभाव डालता है तो आप साइकोलॉज‍िस्‍ट के पास जा सकते हैं। मन की व्‍यथा और द‍िमाग की बीमारी में फर्क है इसल‍िए अपने लक्षण के अनुसार व‍िशेषज्ञ का चुनाव करें।  

न्यूरोसर्जन (Neurosurgeon) :
न्यूरोसर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट की तरह विभिन्न प्रकार की बीमारियों का उपचार करते हैं। जो लोग न्यूरोसर्जन के पास जाते हैं और उनक  बीमारी में किसी सर्जरी की आवश्यकता हो तो अक्सर न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा न्यूरोसर्जन के पास जाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि न्यूरोसर्जन पूरे तंत्रिका तंत्र और संबंधित अंगों की सर्जरी करते हैं।
न्यूरोसर्जन और न्यूरोलॉजिस्ट में अंतर : न्यूरोलॉजिस्ट बीमारियों का उपचार दवाओं से करते हैं। यदि न्यूरोलॉजिस्ट को लगता है कि सर्जरी की आवश्यकता है तो वह न्यूरोसर्जन के पास जाने की सलाह देते हैं। कुछ न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन भी होते हैं।

ओन्कोलॉजिस्ट (Oncologist) :
ऑन्कोलॉजिस्ट कैंसर का इलाज करता है। ऑन्कोलॉजिस्ट को कैंसर विशेषज्ञ भी कहा जा सकता है। ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में उपचार के आधार पर 3 प्रमुख क्षेत्र हैं : मेडिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी।
मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी सहित दवाओं का उपयोग करके कैंसर का उपचार करते हैं। रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट विकिरण चिकित्सा का उपयोग कर कैंसर का उपचार करते हैं, जिसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी एक्स-रे या अन्य कणों का उपयोग होता है। सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ऑपरेशन के दौरान ट्यूमर और आस-पास के ऊतकों को हटाने सहित सर्जरी का उपयोग कर कैंसर का उपचार करते हैं। इस प्रकार के सर्जन कैंसर का निदान करने में सहायता के लिए कुछ प्रकार की बायोप्सी भी कर सकते हैं।

ऑप्थाल्मोलॉजिस्ट (Opthalmologist) :
नेत्र रोग विशेषज्ञ आंखों की स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि ड्राई आई सिंड्रोम, पलक की स्थिति जैसे ब्लेफेराइटिस और स्टाइल, मोतियाबिंद, मधुमेह नेत्र रोग, ग्लूकोमा या मेक्यूलर डिजनरेशन के उपचार में विशेषज्ञ होते हैं।

ऑर्थोपेडिशियन (Orthopadician) :
हड्डियों, मांसपेशियों, जोड़ों और शरीर के सोफ्ट टिश्यूज़ से संबंधित समस्या हो तो आर्थोपेडिसियन (आर्थोपेडिस्ट) के पास जाना चाहिए। ऑर्थोपेडिशियन आपके मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम 
को प्रभावित करने वाली चोटों और बीमारियों का उपचार करता है। हालांकि इस प्रकार के डॉक्टर सर्जन होते हैं, लेकिन वे अक्सर गैर-सर्जिकल तरीके से उपचार करते हैं।

ऑटोलरिंगोलॉजिस्ट (Otolaryngologist) :
ओटोलरींगोलॉजिस्ट (ईएनटी स्पेशलिस्ट) एक प्रशिक्षित चिकित्सक होता है जिसे ओटोरहिनोलरिंजोलॉजिस्ट के रूप में भी जाना जाता है। उसे कान, नाक, गर्दन, साइनस, सिर और गले से संबंधित बीमारियों और विकारों के निदान के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। एक ओटोलरींगोलॉजिस्ट साइनस सिरदर्द, स्लीप एपनिया और स्विमर्स ईयर जैसी बड़ी बीमारियों का इलाज करता है। Otolaryngology शब्द otorhinolaryngology का एक छोटा रूप है, जो कान (oto), नाक (rhino) और गला (laryn) - इन तीन ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है।

पेथोलॉजिस्ट (Pathologist) :
हालांकि हमारी किसी भी बीमारी में पेथोलॉजिस्ट की डायरेक्ट जरुरत नही पड़ती है, लेकिन हमारे उपचार के लिए पेथोलॉजिस्ट भी जिम्मेदार होता है। जब डॉक्टर किसी प्रकार की जांच लिखते हैं तब पेथोलॉजिस्ट का कार्य शुरू होता है।
पैथोलॉजिस्ट एक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है जो शरीर और शरीर के टिश्यूज़ की जांच करता है। वह लेब टेस्ट की प्रमाणिकता के लिए भी जिम्मेदार होता है। एक पैथोलॉजिस्ट अन्य डॉक्टर्स को दवा देने के डिसिजन तक पहुँचने में मदद करता है और उपचार टीम का एक महत्वपूर्ण सदस्य होता है।

फीजिशियन (जनरल प्रेक्टिशनर) :
ये हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं। लगभग सभी बीमारियों के लिए हम जनरल फीजिशियन पर निर्भर रहते हैं। इन्हे हम फैमिली डॉक्टर भी कह सकते हैं। लेकिन फीजिशियन बीमारियों की प्रारंभिक स्टेज में ही सहायता कर सकते हैं, वो लेब टेस्ट और आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखकर उपचार करते हैं और आवश्यक होने पर स्पेशलिस्ट के पास रेफर करते हैं।

फीजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapist) :
याद रखें, फीजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर नही होते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे 'डॉ' शब्द का उपयोग नहीं कर सकते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट रिहेबिलिटेशन प्रोफेशनल्स होते हैं जो इंडियन रिहेबिलिटेशन कोंसिल में साथ पंजीकृत होते हैं जबकि डॉक्टर इंडियन मेडिकल कोंसिल में रजिस्टर्ड होते हैं।
जब कोई चोट, बीमारी या अक्षमता से प्रभावित होता है तो फिजियोथेरेपिस्ट डेली मूवमेंट और कार्य को बहाल करने में मदद करते है। फीजियोथेरेपिस्ट भविष्य में चोट या बीमारी के आपके जोखिम को कम करने में भी मदद करते है। 

प्लास्टिक सर्जन (Plastic Surgeon) :
प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग मिसिंग और क्षतिग्रस्त टिश्यूज़ और त्वचा की रिपेयर और पुनर्निर्माण के लिए किया जाता है। प्लास्टिक सर्जरी का मुख्य उद्देश्य टिश्यूज़ और स्किन के कार्य और अपिरियेंस को बहाल करना है ताकि यह यथासंभव पहले जैसी सामान्य त्वचा के समान हो जाए।

पल्मोनोलॉजिस्ट (Pulmonologist) :
सांस से संबंधित सभी प्रकार की परेशानियों के निवारण के लिए पल्मोनोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। एक पल्मोनोलॉजिस्ट श्वसन प्रणाली के रोगों का निदान और उपचार करता है। आप इन स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को फेफड़े के डॉक्टर, फेफड़े के विशेषज्ञ या छाती के डॉक्टर भी कह सकते हैं। आपके फेफड़ों के अलावा, आपके श्वसन तंत्र में आपकी नाक, गला, श्वासनली, वायुमार्ग, मांसपेशियां और रक्त वाहिकाएं शामिल हैं।

रुमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) :
घुटनों, कूल्हों, या कंधों का सूजन संबंधी गठिया के लिए रुमेटोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए। रुमेटोलॉजिस्ट ऑटोइम्यून और ऐसी बीमारियों का उपचार करते हैं जो जोड़ों, टेंडन, लिगामेंट्स, हड्डियों, मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करते हैं। 

थॉरेसिक सर्जन (Thoracic Surgeon) : 
थोरैसिक सर्जन आपकी छाती के अंदर मौजूद संरचनाओं जैसे- पेरिकार्डियम के रोगों का उपचार करते हैं। विंडपाइप (ट्रेकिआ) फूड पाइप (ग्रासनली) कोरोनरी धमनियां (हृदय को रक्त की आपूर्ति प्रदान करने वाली नलिका) में कोई गंभीर समस्या हो तो थौरेसिक सर्जन की आवश्यकता होती है।

यूरोलॉजिस्ट (Urologist) :
यूरीनरी ट्रेक्ट (मूत्र संरचना) से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं के लिए यूरोलॉजिस्ट के पास जाऐं।  यूरोलॉजिस्ट पुरुष और महिला दोनो के ही मूत्र पथ (गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग) के रोगों का निदान करते हैं। यह उन पुरुष अंगों की बीमारियों का उपचार भी करते हैं जो प्रजनन में सहायक होते हैं- (लिंग, वृषण, अंडकोश, प्रोस्टेट, आदि) ।
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