मुंह से लार टपकने का कारण एवं समाधान !

मुंह से लार टपकने का कारण एवं समाधान !
यूं तो मुंह में लार बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- खाने-पीने की किसी वस्तु या दवा से एलर्जी होना, मानसिक टेंशन, ड्रग्स या एल्कोहल लेने, नींद की कमी या फिर किसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है। दिन में जागते समय की तुलना में सोते समय लार का अधिक निर्माण होता है।
अधिकतर लोगों को सोते समय मुंह से अधिक लार आने की समस्या होती है। इस समस्या को ड्रूलिंग कहा जाता है। यह समस्या आपको सोते समय या जागते समय, कभी कभी परेशान कर सकती है। यह एक अस्वास्थ्यकर स्थिति है जिसके कारण आप असहज हो सकते हैं और आपको सोने में परेशानी हो सकती है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में हाइपरसालिवेशन कहते हैं और कुछ मामलों में यह अस्थायी हो सकती है। हालांकि यह एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी हो सकता है जिसके दौरान मुंह में लार को रोक पाने में व्यक्ति असमर्थ हो जाता है। इस स्थिति को अनदेखा नहीं करना चाहिए और इसके पीछे के कारणों को जानना चाहिए।
मुंह से लार निकलना स्वास्थ्य से जुड़ी इन समस्याओं की ओर संकेत करती है..
साइनस इंफेक्शन
अगर व्यक्ति को सांस की उपरी नली में संक्रमण हो जाए तो ये संक्रमण सांस लेने और निगलने जैसी समस्याओं को उत्पन्न करता है। जिसकी वजह से लार मुंह में जमा होकर बहने लगती है।
गैस बनना
शोध के अनुसार, पेट में गैस बनने से या फिर एसीड रिफ्लक्स एपिसोड्स के कारण गैस्ट्रिक एसिड होता है, जिससे आपके शरीर में एसोफागोसलाइवरी (esophagosalivary) उत्तेजित होता है जो शरीर में अधिक लार बनाने में मदद करता है।
टोंसिलाइटिस :
गले के पीछे टॉन्सिल्स ग्रंथी मौजूद होती हैं। इस ग्रंथी में सूजन आने से गले का रास्ता छोटा हो जाता है, जिसकी वजह से लार गले से नीचे नहीं उतर पाती और मुंह से बहने निकलने लगती है।
एसिडिटी :
अगर किसी को एसिडिटी की समस्या हो, तो भी सोते वक्त मुंह से लार बह सकती है।
गलत पोजिशन में सोने के कारण :
गलत पोजिशन में सोने के कारण भी ये समस्या होती है। करवट लेकर सोने से भी मुंह से लार बहने की शिकायत हो सकती है। पीठ के बल सोने पर गले के रास्ते लार शरीर में अपने आप चली जाती है।
एलर्जी होना :
लार बनने के कई कारण होते हैं जैसे खाने-पीने की चीजों से या कुछ दवाओं की वजह से एलर्जी होना। जिसकी वजह से मुंह में अधिक लार का निर्माण होता है। 

मुंह से बहती है लार तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे-
● मुंह से लार बहने पर देर से पचने वाले भोजन से दूर रहें। प्रयास करें कि आपका पेट साफ रहे। मुंह से लार बहने की समस्या को दूर करने के लिए दिन में 3-4 बार दो से तीन तुलसी के पत्तों को चबाकर थोड़ा सा पानी पी लें। 

● फिटकरी के पानी से कुल्ला करने से भी आपको लार से लाभ मिलेगा।

● लार बहने की परेशानी को दूर करने के लिए दालचीनी की चाय का सेवन करें। इसके लिए दालचीनी को पानी में उबाल लें। अब इस पानी को छानकर इसमें शहद मिलाकर पिएं। ऐसा करने से आपको लार बहने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

● बहती लार से छुटकारा पाने के लिए आंवला पाउडर का सेवन करें। इसके लिए खाना खाने के तुरंत बाद गुनगुने पानी के साथ आंवला पाउडर खाने से आराम मिलता है।

मुंह में बहुत अधिक मात्रा में लार बनने की स्थिति को हाइपरसेलिवेशन कहा जाता है, इस स्थिति को “सिलोरिया” “टिलिज्म” के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मुंह के अंदर की लार होठों पर आ जाती है या बाहर निकलने लग जाती है, जिस स्थिति को “लार टपकना” भी कहा जाता है।

अधिक लार आने की समस्या स्थायी हो सकती है या फिर ठीक होकर बार-बार होती रहती है, यह पूरी तरह से इसके कारण पर निर्भर करता है। अक्सर इस समस्या से व्यक्ति को बाहर निकलने से संबंधित चिंता होने लग जाती है।

अधिक लार आना कोई रोग नहीं है लेकिन साधारणतया यह किसी अन्य समस्या के लक्षण के रूप में विकसित हो सकता है। ये कारकों में आसानी से ठीक होने वाली समस्याओं से  लेकर दुर्लभ बीमारियां शामिल हो सकती हैं। यदि स्थायी रूप से अधिक लार बनने सी समस्या है तो इसका कारण कोई दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जो मुंह की मांसपेशियों को प्रभावित करती है। यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी ऐसी कोई समस्या है, जिसके कारण आप मुंह की मांसपेशियों की कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसा होने पर आपके निगलने की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है और मुंह में लार जमा होने लग जाती है। यह समस्या निम्न के परिणामस्वरूप हो सकती है:

◆ टेढ़े-मेढ़े दांत होना
◆ जीभ का आकार बढ़ना
◆ मानसिक मंदता
◆ सेरेब्रल पाल्सी
◆ फेसिअल पाल्सी
◆ पार्किंसन रोग
◆ एएलएस  (एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस)
स्ट्रोक
यदि हाइपरसेलिवेशन स्वास्थ्य संबंधी किसी दीर्घकालिक बीमारी के कारण हुआ है, तो उसके लक्षणों का इलाज करना बहुत जरूरी होता है। यदि इसको बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए तो अधिक लार आने के कारण व्यक्ति ठीक से बोल भी नहीं पाता है और खाद्य व पेय पदार्थ उसके गले में अटकने लग जाते हैं।

यह स्मरण रखना बहुत आवश्यक है कि यह समस्या काफी आम है और सिर्फ आपको ही यह रोग नहीं है। अपने किसी प्रियजन से अपनी समस्या व उससे आपको हो रही परेशानी के बारे में बात करने से आपको अच्छा महसूस होगा और वे आपको सहारा भी दे पाएंगे।
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