बहुत से लोगों को (विशेषतः महिलाओं को) कार या बस में यात्रा करने पर उल्टियां आने लगती हैं। जिसके परिणामस्वरूप यात्रा का आनंद भी नष्ट हो जाता है और सहयात्रियों को भी परेशानी होती है।
यात्रा में उल्टी होना कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हमारे आंख, कान और त्वचा से दिमाग को एक समय में अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं, जिससे हमारा सेंट्रल नर्वस सिस्टम कन्फ्यूज हो जाता है। यात्रा वाली उल्टी लाने में हमारे पेट का नहीं, बल्कि आंखों और मस्तिष्क का रोल होता है। होता यूं है कि हमारी आंखों को गाड़ी के अंदर सीट, आसपास वाले यात्री सब अपनी जगह पर स्थिर दिखते हैं जबकि शरीर गतिमान रहता है, वहीं, दूसरी ओर हमारे कान भी इस हलचल को भांप लेते हैं। शारीरिक संतुलन बनाने के लिए कान में मौजूद तरल पदार्थ की बड़ी भूमिका रहती है। जैसे ही शरीर गतिशील स्थिति में आता है तो यह तरल पदार्थ मस्तिष्क को लगातार सिग्नल देता है। वहीं, दूसरी ओर आंखें भी मस्तिष्क को अलग ही सिग्नल भेज रही होती हैं। एक ही समय में अलग अलग सिग्नल मिलने से दिमाग कंफ्यूज हो जाता है। इस स्थिति में दिमाग इसे गड़बड़ी का संदेश या किसी जहर का दुष्प्रभाव समझता है और शरीर में उपस्थित वोमेटिंग सेंटर को उल्टी करने का आदेश दे देता है। और इस प्रकार तालमेल सही न बैठने पर लोगों को उल्टी हो जाती है।
यदि आपके साथ या आपके किसी परिचित के साथ ऐसा होता है, तो यह लेख आपके और आपके परिचित लोगों के काम आ सकता है..
कार में उल्टी आने से रोकने के उपाय :
✓ कार में यात्रा आरंभ करने के 1 से 2 घंटे पहले मोशन सिकनेस की दवाई ले लें। लेकिन, यहां ध्यान रखें कि दवाई केवल अपने डॉक्टर के सुझाव पर ही लें. बिना सुझाव के दवाई न लें।
✓ कार में बैठने के लिए सही सीट चुनें. अर्थात, ऐसी सीट चुनें, जहां मोशन सिकनेस कम फील होती हो. इसके लिए कार की आगे वाली पैसेंजर सीट उत्तम होती है।
✓ यात्रा के समय अधिक से अधिक ताजी हवा लें। इसके लिए कार की खिड़कियां खोल लें। इससे कार में बाहर की अधिक हवा अंदर आएगी, जिससे आपको राहत मिलेगी।
✓ जिन लोगों को मोशन सिकनेस होती है, वह कार में किताब आदि पढ़ने से बचें। इसकी जगह खिड़की से बाहर क्षितिज (जहां आकाश और पृथ्वी मिलते दिखाई देते हैं) पर देखें या फिर दूर की वस्तुओं को देखें।
✓ यात्रा के समय थोड़ी-थोड़ी देर के लिए रुकते रहें। प्रत्येक कुछ समय के पश्चात (जब अधिक मोशन सिकनेस हो) कार रोककर बाहर उतर जाएं और ताजी हवा लें।
✓ यात्रा से पहले या यात्रा के समय अधिक भारी भोजन ना करें क्योंकि इससे उलटी होने की संभावना बढ़ती है। सादा भोजन, कम मात्रा में खाएं। चिकना या मसालेदार भोजन करने से भी बचें।
✓ यात्रा के समय काली मिर्च और लौंग चूस सकते हैं। जी मिचलने या उल्टी आने जैसे स्थिति में काली मिर्च से आराम मिलता है। लौंग भी उल्टी रोकने में सहायता करती है।
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