एलर्जी के लक्षण दिखाई दे तो करें ये उपाय !

एलर्जी कभी भी, किसी भी स्थिति में हो सकती है जिससे त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं या अचानक लगातार छींकें आनी प्रारम्भ हो सकती हैं। एलर्जी है या नहीं, ये समझना किसी के लिए भी बहुत जटिल होता है। एलर्जी होने का कोई निश्चित मौसम नहीं होता है, लेकिन गर्मियों में तेज धूप और उमस के कारण एलर्जी के मामले अधिक बढ़ जाते हैं। इस मौसम में वायु हल्की होने के कारण तेज चलती है, जिससे परागकण, धूल, मिट्टी और दूसरे प्रदूषक अधिक मात्रा में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच जाते हैं। 
कुछ लोग एलर्जी के आसान शिकार होते हैं, क्योंकि उनमें एलर्जन के प्रति संवेदनशीलता जन्मजात होती है। लड़कों में लड़कियों के मुकाबले आनुवांशिक रूप से एलर्जी होने की आशंका अधिक होती है। एलर्जी के कारण होने वाला अस्थमा आम है, पर एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों के अलावा अन्य कई चीजों से भी अस्थमा की समस्या हो सकती है।
कई खाद्य पदार्थ, रसायन, धूल और फूलों के परागकण एलर्जी पैदा कर सकते हैं। एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ के आधार पर एलर्जी अलग अलग प्रकार की होती है-

फूड एलर्जी -
कई लोगों को गेहूं, राई, बाजरा, मछली, अंडे, मूंगफली, सोयाबीन के दूध से बने उत्पाद, सूखे मेवे आदि से भी एलर्जी होती है। जबकि कुछ लोगोंं को बैंगन, खीरा, भिंडी, पपीता आदि से भी एलर्जी के मामले देखे गए हैं। 
फूड एलर्जी के लक्षण :
- उल्टी और दस्त की समस्या होना।
- भूख न लगना।
- मुंह, गला, आंख, त्वचा में खुजली होना।
- पेट में दर्द और मरोड़ होना।
- रक्त का दबाव कम हो जाना।
बचाव :
जिन खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो, उनसे परहेज करना चाहिए। जब आप घर से बाहर खाना खाएं, तो यह जरूर पता कर लें कि खाने में एलर्जी वाली वस्तु तो नहीं है।

पेट एलर्जी -
जानवरों की लार, मृत त्वचा, फर और यूरीन से एलर्जी हो सकती है। जानवरों के फर में परागकण, धूल और दूसरे कारक भी भर जाते हैं, जिनसे एलर्जी और गंभीर रूप धारण कर लेती है। एलर्जी से पीड़ित  लोगों को बिल्ली और कुत्ते जैसे पालतू जानवरों से एलर्जी होती है। अगर आपके घर में पालतू जानवर है और आप उसे कभी अपने पास भी नहीं आने देते, तब भी आपको एलर्जी हो सकती है। 
पेट एलर्जी के लक्षण :
पलकों और नाक की त्वचा का लाल हो जाना, सूज जाना और उसमें खुजली होना।
बचाव :
पालतू जानवर के सीधे संपर्क में आने पर अपने हाथ साबुन से धोएं। ऐसे जानवर को नियमित नहलाएं।

डस्ट एलर्जी -
एक अनुमान के अनुसार एलर्जी के शिकार लोगों में से करीब 80 प्रतिशत लोगों को मिट्टी या गर्द से एलर्जी होती है।

डस्ट एलर्जी के लक्षण :
- आंखें लाल होना, उनमें खुजली होना और पानी बहना।
- नाक बहे, उसमें खुजली हो, सू-सू की आवाज आए।
बचाव :
- निर्माण कार्य वाली जगहों पर जाने से बचें।
- दोनों समय गुनगुने पानी से नहाएं।

एलर्जी पैदा करने वाली चीजें -
खाद्य पदार्थ : डेयरी उत्पाद, मूंगफली, मक्का, अंडा, मछली, सोयाबीन, नट्स आदि।
दवाएं : टेट्रा साइक्लीन, पेनिसिलिन, डिलानटिन, सल्फोनामाइड्स।
पर्यावरणीय कारण : परागकण, फफूंद, धूल, आर्द्रता आदि।
पालतू जानवर : कुत्ते और बिल्ली समेत अनेक पालतू जानवर।
रसायन : कोबाल्ट, निकिल, क्रोमियम समेत अनेक रसायन।

सामान्य एलर्जी के प्रभाव को कम करने के घरेलू उपाय एवं सावधानियां -

● घर की धूल से बचें। घर को हवादार रखें
● घर में कालीन ना बिछाएं।
● पर्दे, तकिए और नरम खिलौने आदि को धोकर साफ रखें और इन्हें गर्म पानी में धोएं।
● सूखी धूल को हवा में उड़ाने से बचें, क्योकिं इससे कीट हवा के माध्यम से अन्य चीजों में फैल जाते हैं।
● पालतू जानवरों को यथासंभव बाहर रखें।
● पालतू जानवरों को बेडरूम में ना आने दें।
● हफ्ते में एक बार उनको नहलाएं।

फफूंदी से निकलने वाले बारीक कण एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
इनकी रोकथाम के लिये -
● घर को सूखा तथा हवादार रखें।
● घर की छत के नीचे किसी भी प्रकार का पौधा ना लगाएं।
● घर के अंदर कपड़े ना सुखाएं।
● अगर अल्मारी में नमी हो तो उसमें कपड़े ना रखें।
● नम इमारतों, नम लकड़ी और गली-सड़ी पत्तियों से दूर रहने की कोशिश करें।
● घर पर पका खाना खाने की कोशिश करें
● अगर आप बाहर खाना खाते हैं, तो अपनी एलर्जी को ध्यान में रखते हुऐ बाहर अपने लिए भोजन तैयार करवाएं।
पराग से होने वाली एलर्जी को हे-फीवर कहा जाता है। यह तब होता है, जब पेड़ पोधे और घास आदि के छोटे-छोटे कण हवा में मिल जाते हैं। हे-फीवर को नियंत्रित करने के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं-
● अपनी आंखों को बचाने के लिए पूरी तरह से ढकने वाला चश्मा पहने।
● जहां तक संभव हो खिड़की व दरवाजे बंद रखें।
● घर आने के बाद नहाएं और कपड़े बदलें।
● घास वाले क्षेत्रों में बचने की कोशिश करें, जैसे पार्क व खेत आदि।
यदि पहले कभी किसी कीट या मक्खी आदि के काटने से आपको एलर्जी का प्रभाव हुआ है, तो उसे कम करने के लिए सावधानी रखना आवश्यक है। जब आप घर से बाहर होते हैंं तो निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
● बिना ढकी हुई त्वचा को ढक कर रखें
● जूते पहन कर रखें
● भारी प्रभाव वाले इत्र व सुगंध वाली वस्तुओं का प्रयोग ना करें, क्योकिं ये कीटों को आकर्षित करते हैं।

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