घर में उपलब्ध चीजों से अस्थमा का उपचार

हमारे घर की रसोई में ही बहुत सारी ऐसी वस्तुएं और घरेलू मसाले उपलब्ध हैं जिनका उपयोग यदि गंभीरता एवं नियमानुसार किया जाये तो अस्थमा जैसी बीमारी का घर पर ही एकदम सटीक उपचार किया जा सकता है-

लहसुन : 30 मि.ली. दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबालें और इस मिश्रण का प्रतिदिन सेवन करने से अस्थमा का जड़ से उपचार होता है।

अंजीर : इसके सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। यह कफ को जमने से भी रोकते हैं। सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट इसे खा लें। ऐसा करने से श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है और इससे संक्रमण से भी राहत मिलती है और अस्थमा का सफल उपचार होता है।

अजवाइन : अस्थमा का जड़ से उपचार करने के लिए पानी में अजवायन डालकर इसे उबालें और इस पानी से उठती भाप लें। यह अस्थमा का समूल उपचार करता है।

मेथी : शरीर की भीतरी एलर्जी को समाप्त करने में मेथी सहायक होती है। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में शहद और अदरक का रस मिलाकर रोज सुबह-शाम सेवन करें। यह अस्थमा का सफल उपचार का तरीका है।

अदरक : अदरक की चाय में लहसुन की दो पिसी कलियाँ मिलाकर पिएं। यह अस्थमा का सफल इलाज करता है। अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मेथी का काढ़ा और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएँ। दमा के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाभदायक है।

करेला : अस्थमा का समूल उपचार करने के लिए आप करेले का प्रयोग कर सकते हैं। करेले का एक चम्मच पेस्ट शहद और तुलसी के पत्ते के रस के साथ मिला कर खाने से अस्थमा में लाभ होता है।

सरसों का तेल : अस्थमा होने पर छाती और रीढ़ की हड्डी पर सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के कुछ देर बाद स्टीमबाथ भी करनी चाहिए।

प्याज : अस्थमा में कच्चे प्याज का सेवन लाभदायक होता है। प्याज में उपस्थित सल्फर फेफड़ों की जलन और अन्य समस्याओं को कम करने में सक्षम होता है। प्याज अस्थमा का सफल उपचार करता है।

विटामिन सी युक्त आहार : विटामिन-सी अस्थमा में बहुत लाभदायक है। विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करें। नींबू, संतरे, जामुन, स्ट्रॉबेरी एवं पपीता विटामिन-सी के अच्छे स्रोत हैं। इनका सेवन करें। सब्जियों में फूलगोभी एवं पत्तागोभी का सेवन करें। इससे अस्थमा का समूल उपचार होता है।

शहद : अस्थमा का दौरा बार-बार न पड़े इसलिए हल्दी और शहद मिलाकर चाटना चाहिए। यह अस्थमा के सफल उपचार में सहायक होता है।

बड़ी इलायची : खजूर, बड़ी इलायची और अँगूर को समान मात्रा में पीसकर शहद के साथ खाएँ। यह अस्थमा की खाँसी में बहुत लाभदायक है। यह अस्थमा का समूल उपचार करता है।

तेजपत्ता : पीपल और तेजपत्ता की 2 ग्राम मात्रा को पीसकर मुरब्बे की चाशनी के साथ खाएँ। प्रतिदिन इसे खाने से अस्थमा में लाभ होता है।

तुलसी : सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीसकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इसे पीने से अस्थमा की समस्या दूर हो जाएगी।

सहजन : इसमें कफ को कम करने वाला गुण होता है और इसी गुण के कारण अस्थमा में इसका सेवन लाभकारी माना जाता है। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो अपनी डाइट में सहजन की सब्जी ज़रूर शामिल करें।

आंवला पाउडर : आंवला में रसायन का गुण होता है जो हमारी इम्युनिटी को बढ़ाकर अस्थमा को नियंत्रित करने में सहायता करता है। अतः नियमित रूप से आंवला या आंवला पाउडर का सेवन करना चाहिए। आप चाहें तो आंवला कैंडी का भी सेवन कर सकते हैं।

कॉफी : कॉफी में मौजूद कैफीन में ब्रोंको डायलेटर का गुण पाया जाता है जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इसलिए अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो सीमित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन करें। ध्यान रखें कि बहुत अधिक मात्रा में कॉफ़ी का सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

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ओर पढ़ें : अस्थमा के दौरान बरतनी चाहिए ये सावधानियां।

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