घर की सफाई करते समय रखें ध्यान ! गर्द से सांस, अस्थमा व एलर्जी हो सकती है!!

घरों की जो गर्द है वह कोरी मिट्टी नहीं वरन इसमें हजारों की तादाद में ऐसे छोटे बेक्टीरिया छिपे हैं, जिन्हें डस्ट माइट कहते हैं। ये आंखों से नजर नहीं आते। ये एलर्जी का बड़ा स्रोत है। खासतौर पर जो लोग पहले से श्वांस और दमा की तकलीफ से जूझ रहे हैं, उनकी दिक्कतें इस दौरान बढ़ रही है।

 क्या है डस्ट माइट

             ऐसा बैड बग जो बमुश्किल दशमलव दो मिमी का होता है, इसलिए बगैर माइक्रोस्कोप दिखाई नहीं देता। एलर्जी का बड़ा स्रोत है जो गद्दे, पुराने-गर्म कपड़ों, पलंग, खिड़कियों के इर्द-गिर्द जमा बारीक गर्द के रूप में रहते हैं। हजारों की तादाद में रहने वाले इन बग का खाना है इंसानी या पालतू जानवरों के स्किन पर आने वाली डेंड्रफनुमा सफेद पपड़ी, जिसे स्किन फ्लेक कहते हैं। नर डस्ट माइट 10 से 20 दिन तक जिंदा रहता, जबकि मादा की उम्र लगभग 70 दिन होती है। वह 60 से 100 तक अंडे देती है। जाहिर है, एक-एक घर में इनकी तादाद हजारों में होती है।

डस्ट माइट एलर्जी के लक्षण

                बंद नाक, छींक आना, लाल आंखें, गले में सूजन या खिंचाव, चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव-दर्द, श्वांस में सीटी बजना या श्वांस लेने में तकलीफ होना, आंखों के नीचे नीले घेरे होना आदि। यानी ऐसे लक्षण जो सामान्य सर्दी-जुकाम से मेल खाते हैं।
                 डस्ट माइट आदमी के शरीर से चिपककर त्वचा की ऊपरी परत यानी स्किन फ्लेक खाते हैं। स्किन पर लाल, छोटे, खुजली वाले चकते कर देता है। खासतौर पर छोटे बच्चों में स्किन की बीमारी एटोपिक डर्मेटाइटिस इसी बग की वजह से होती है।
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